Gold price in India today : आज भारत में सोने के दाम विभिन्न शहरों में अलग-अलग हैं। 22 कैरेट सोने की कीमत बैंगलोर में ₹73,600, चेन्नई में ₹73,700, दिल्ली में ₹73,700, हैदराबाद में ₹73,550 और मुम्बई में ₹73,550 है। वहीं, 24 कैरेट सोने की कीमत बैंगलोर में ₹80,290, चेन्नई में ₹80,390, दिल्ली में ₹80,390, हैदराबाद में ₹80,240 और मुम्बई में ₹80,240 है। इन दामों में मामूली अंतर शहरों के हिसाब से होता है, जो सोने की खरीदारी करने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
अगर आप सोने में निवेश करने या सोने की ज्वैलरी खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप खरीदारी से पहले सभी जरूरी जानकारी जुटा लें। आज के सोने के लेटेस्ट दामों के बारे में जानें और अपनी खरीदारी को स्मार्ट बनाएं। वर्तमान में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹78,570 और 22 कैरेट सोने की कीमत ₹71,970 है। ये दाम हाल ही में अपडेट किए गए हैं और इंडस्ट्री के मानकों के अनुसार निर्धारित हैं। सोने के दामों की तुलना करने से आपको सही निर्णय लेने में मदद मिल सकती है।
भारत में आज 24 कैरेट सोने की कीमत
आज भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत स्थिर रही है। 1 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹7,857 है, जबकि 8 ग्राम सोने का मूल्य ₹62,856 और 10 ग्राम सोने की कीमत ₹78,570 है। यदि आप बड़े निवेश की सोच रहे हैं, तो 100 ग्राम 24 कैरेट सोने का मूल्य ₹7,85,700 है। इन दामों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो निवेशकों के लिए एक स्थिर और भरोसेमंद संकेत हो सकता है
भारत में आज 22 कैरेट सोने की कीमत
आज भारत में 22 कैरेट सोने की कीमतें : 1 ग्राम सोने की कीमत ₹7,197, 8 ग्राम की कीमत ₹57,576, 10 ग्राम की कीमत ₹71,970 और 100 ग्राम सोने की कीमत ₹7,19,700 है। ये दाम आज अपडेट किए गए हैं और इंडस्ट्री के मानकों के अनुसार हैं। यदि आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
भारत में पिछले 15 दिनों में सोने के भाव में बदलाव
भारत में सोने के भाव में पिछले 15 दिनों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा गया है। 5 नवंबर 2024 को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹78,570 और 22 कैरेट सोने की कीमत ₹71,970 रही, जिसमें 0.07% की मामूली बढ़ोतरी हुई। 4 नवंबर 2024 को भी दोनों प्रकार के सोने की कीमतों में हल्की बढ़त देखी गई, जहां 24 कैरेट सोना ₹78,520 और 22 कैरेट सोना ₹71,920 रहा। 3 नवंबर 2024 को कोई बदलाव नहीं हुआ और दोनों की कीमतें समान रही। हालांकि, 2 नवंबर 2024 को 24 कैरेट सोने की कीमत में 1.41% की गिरावट आई, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत में भी हल्की गिरावट देखी गई। 1 नवंबर 2024 को सोने की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, जबकि 30 अक्टूबर 2024 को 1.07% का इज़ाफ़ा हुआ था। इन सभी बदलावों के साथ, वर्तमान समय में सोने की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव जारी है, जिससे निवेशकों और खरीदारों को इन बदलावों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण हो गया है।
आज भारत के प्रमुख शहरों में सोने के ताज़ा रेट
भारत के प्रमुख शहरों में आज सोने की कीमतें : 24 कैरेट सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए अहमदाबाद, बैंगलोर, भोपाल, पटना और सूरत जैसे शहरों में ₹80,290 है, जबकि 22 कैरेट के लिए ₹73,600 है। दिल्ली, लखनऊ, और जयपुर जैसे शहरों में 24 कैरेट सोना ₹80,390 और 22 कैरेट सोना ₹73,700 पर उपलब्ध है। मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, और हैदराबाद में 24 कैरेट की कीमत ₹80,240 और 22 कैरेट के लिए ₹73,550 है। सोने की ये कीमतें विभिन्न शहरों में मांग और आपूर्ति के अनुसार बदलती हैं, जिससे खरीदारों को सोने की खरीदारी का सही फैसला लेने में मदद मिलती है।
सोने के दाम अक्सर बाजार के ट्रेंड्स और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का संकेत देते हैं, इसलिए इनमें बदलाव सामान्य है। ध्यान दें कि इसमें GST, TCS और अन्य चार्जेस शामिल नहीं हैं। यदि आप सबसे ताजे और सटीक सोने के दाम जानना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी ज्वैलर से संपर्क करना सबसे अच्छा रहेगा। इसके अलावा, सोने के आभूषणों पर मेकिंग चार्ज भी लग सकते हैं, जो कुल लागत को प्रभावित कर सकते हैं।
आज के सोने के दाम की पूरी जानकारी
24 कैरेट सोना उच्चतम शुद्धता का प्रतीक है, जो 99.9% शुद्धता वाला होता है और इसमें कोई अन्य धातु मिश्रित नहीं होती। इसे आमतौर पर सोने के सिक्के और बार बनाने में उपयोग किया जाता है। सोने की विभिन्न शुद्धताएँ उपलब्ध हैं, जिन्हें 24 कैरेट सोने की शुद्धता से मापा जाता है, जिससे इसकी कीमत और उपयोग का निर्धारण होता है।
22 कैरेट सोना ज्वैलरी निर्माण के लिए आदर्श विकल्प है, जिसमें 91.67% शुद्धता होती है। इसमें 22 भाग शुद्ध सोना और 2 भाग अन्य धातुएं जैसे चांदी, निकेल या कोई अन्य मेटल मिलाए जाते हैं। ये अतिरिक्त धातुएं सोने को अधिक मजबूत बनाती हैं, जिससे इसे ज्वैलरी निर्माण के लिए उपयुक्त बनाया जा सकता है।
24K और 22K सोने का अंतर: समझें कौन है आपके लिए बेहतर
24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के बीच अंतर को समझना आपके निवेश और खरीद निर्णय के लिए महत्वपूर्ण है। 24 कैरेट सोना 99.5% शुद्धता के साथ सबसे शुद्ध और महंगा होता है, जो अपनी नर्मी के कारण ज्वैलरी बनाने में कम उपयोग होता है। इसका प्रमुख उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल उपकरणों में होता है।
दूसरी ओर, 22 कैरेट सोना 91.6% शुद्ध होता है और इसमें सिल्वर, कॉपर जैसे अन्य मेटल्स मिलाए जाते हैं, जिससे यह अधिक मजबूत बनता है, जो इसे ज्वैलरी, सिक्के, और बार बनाने के लिए उपयुक्त बनाता है। 24 कैरेट का रंग ब्राइट येलो होता है, जबकि 22 कैरेट का रंग थोड़ा फीका होता है।
भारत में सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
भारत में सोने के दाम पर प्रभाव डालने वाले कई कारण होते हैं। सोने में निवेश की उच्च मांग, विशेष रूप से भारत जैसे देशों में, इसका प्रमुख कारण है, जो मार्केट प्राइस को निर्धारित करता है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिस्थितियां, मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, और विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव भी सोने की कीमतों पर सीधा प्रभाव डालते हैं। केंद्रीय बैंकों की नीति और त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने से भी सोने के दाम में वृद्धि देखी जाती है। इन सभी कारकों के चलते सोने की कीमतों में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है, जिसे समझना निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
1 . Demand
सोने के दाम पर डिमांड और सप्लाई का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। जब सोने की डिमांड अधिक होती है और सप्लाई कम होती है, तो इसके दाम में बढ़ोतरी होती है। वहीं, जब सप्लाई अधिक होती है और डिमांड स्थिर या कम होती है, तो दाम में गिरावट देखी जा सकती है। भारत में, खासकर त्योहारों और शादी के सीज़न में सोने की डिमांड अधिक बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमतें प्रभावित होती हैं।
2 . Inflation
जब इन्फ्लेशन बढ़ता है, तो करेंसी की वैल्यू घटने लगती है। इस स्थिति में, निवेशक अपनी संपत्ति को सोने में निवेश करना पसंद करते हैं क्योंकि सोना इन्फ्लेशन से बचने का एक सुरक्षित तरीका माना जाता है। इसके कारण, सोने की डिमांड बढ़ जाती है, जिससे इसके दाम में वृद्धि होती है। सोना एक प्रभावी हेज के रूप में कार्य करता है, जो आर्थिक संकट के दौरान सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखा जाता है।
3 . Interest Rate
सोने और इंटरेस्ट रेट्स के बीच एक विपरीत संबंध होता है। जब इंटरेस्ट रेट्स बढ़ते हैं, तो लोग अधिक रिटर्न प्राप्त करने के लिए सोने को बेचने का चुनाव करते हैं। इसके विपरीत, जब इंटरेस्ट रेट्स घटते हैं, तो सोने की खरीदारी बढ़ जाती है क्योंकि निवेशकों को सोने में बेहतर सुरक्षा मिलती है। इस स्थिति में सोने की डिमांड और प्राइस बढ़ सकते हैं। भारत में, विशेषकर त्योहारों और विवाह के सीजन में सोने की डिमांड में वृद्धि देखी जाती है, जो सोने की कीमतों पर और प्रभाव डालती है।
4 . Government Reserve
कई सरकारें अपने फाइनेंशियल रिजर्व में सोने का बड़ा हिस्सा रखती हैं, और भारत भी इसमें शामिल है। इस रिजर्व का रखरखाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किया जाता है। जब इस रिजर्व का स्तर बढ़ता है और सरकार कम सोना बेचती है, तो बाजार में सोने की आपूर्ति घट सकती है, जिससे सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। सोने का यह भंडार आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है, जिससे देश की मुद्रा को भी मजबूती मिलती है।
5 . Monsoon
भारत में सोने की मांग का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से उत्पन्न होता है। आमतौर पर यह मांग उस समय बढ़ जाती है जब मॉनसून अच्छा रहता है और फसलें बंपर होती हैं। अच्छी फसल से ग्रामीणों की आय में बढ़ोतरी होती है, जिससे वे सोने में निवेश करने के लिए प्रेरित होते हैं। भारत के ग्रामीण इलाकों में सोने को एक महत्वपूर्ण संपत्ति और सांस्कृतिक मूल्य का प्रतीक माना जाता है, जो आर्थिक स्थिरता और सामाजिक प्रतिष्ठा दोनों को दर्शाता है।
6 . Currency Fluctuations
सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर में ट्रेड होता है। जब इसे भारत में आयात किया जाता है, तो डॉलर को भारतीय रुपये में बदलना पड़ता है। इस मुद्रा विनिमय प्रक्रिया का सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है। यदि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तो आयात महंगा हो जाता है, जिससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं।
7 . Linking with other Assets
सोने का अन्य प्रमुख एसेट्स के साथ कम या नकारात्मक संबंध होता है, जो इसे पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए उपयुक्त बनाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोना पोर्टफोलियो को अस्थिरता से सुरक्षा प्रदान करता है, क्योंकि जिन कारणों का असर अन्य एसेट्स जैसे स्टॉक्स या रियल एस्टेट पर पड़ता है, उनका सोने की कीमत पर उतना प्रभाव नहीं होता। इस विशेषता के कारण, सोना एक स्थिरता प्रदान करने वाली एसेट के रूप में कार्य करता है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश पोर्टफोलियो को संतुलित बनाए रखने में सहायक होता है।
8 . Geopolitical Factors
भू-राजनीतिक तनाव जैसे युद्ध की स्थिति में सोने की मांग में वृद्धि देखी जाती है, क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। ऐसे समय में अन्य परिसंपत्तियों की कीमतों में अस्थिरता आ सकती है और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके विपरीत, सोने की कीमत में बढ़ोतरी की संभावना अधिक होती है, जिससे सोने को एक प्रभावी मूल्य-संरक्षण साधन के रूप में देखा जाता है।
9 . Octroi Charge and Entry Tax
ऑक्ट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स दोनों ही टैक्स हैं जो राज्य और नगर निगमों द्वारा लगाया जाते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य अलग होता है।
ऑक्ट्रॉय चार्ज: यह टैक्स एक शहर में किसी सामान के प्रवेश पर लगाया जाता है।
एंट्री टैक्स: यह राज्य में वस्तु के प्रवेश पर लागू होता है, खासकर जब वह बाहरी राज्य से आती है।अगर सोने की वैल्यू 30 लाख रुपये से अधिक होती है, तो उस पर वेल्थ टैक्स भी लागू हो सकता है।
10 . Making Charge
मेकिंग चार्ज सोने की ज्वैलरी की कीमत का एक अहम हिस्सा होता है, जो ज्वैलरी के डिजाइन, शिल्प और बनावट पर निर्भर करता है। यह चार्ज हर ज्वैलर के लिए अलग हो सकता है और विभिन्न शहरों में भी इसके रेट में भिन्नता हो सकती है। डिजाइन की जटिलता और ज्वैलरी का प्रकार मेकिंग चार्ज के मूल्य को प्रभावित करते हैं, जैसे कि चूड़ियां, नेकलेस आदि के लिए अलग-अलग दरें हो सकती हैं।
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