Bangladesh Internet : बांग्लादेश के इंटरनेट नियामक ने भारत को अपने क्षेत्र के माध्यम से इंटरनेट बैंडविड्थ प्रदान करने की सरकारी योजना पर रोक लगा दी है। नियामक का कहना है कि यह कदम बांग्लादेश के क्षेत्रीय इंटरनेट हब बनने के लक्ष्य को बाधित करेगा। इस फैसले से भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को सिंगापुर के माध्यम से तेज़ इंटरनेट सुविधा देने का पूर्व समझौता रद्द हो गया है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर प्रभाव पड़ेगा।
बांग्लादेश के इंटरनेट नियामक ने शेख हसीना सरकार के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को इंटरनेट आपूर्ति के लिए बांग्लादेश को ट्रांजिट प्वाइंट बनाने की अनुमति दी गई थी।
इंटरनेट नियामक ने दावा किया है कि इस योजना के लागू होने से बांग्लादेश के क्षेत्रीय इंटरनेट हब बनने की संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
2023 में, बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (BTRC) ने देश के दूरसंचार मंत्रालय से अनुमति मांगी थी। यह कदम स्थानीय कंपनियों, समिट कम्युनिकेशंस और फाइबर@होम, द्वारा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को अखौरा सीमा के माध्यम से सिंगापुर से भारती एयरटेल के जरिए बैंडविड्थ सप्लाई करने के आवेदन के बाद उठाया गया।
ढाका के सूत्रों के अनुसार, हसीना सरकार के इस फैसले से बांग्लादेश की अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से म्यांमार और उत्तर-पश्चिमी चीन के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने की क्षमता पर असर पड़ सकता था।
पिछली व्यवस्था के तहत, बांग्लादेश भारत के त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय और नागालैंड के लिए तेज़ इंटरनेट कनेक्शन का ट्रांजिट रूट बनता।
वर्तमान में, पूर्वोत्तर राज्यों को सिंगापुर से चेन्नई के समुद्रतटीय केबल्स के जरिए भारत के डोमेस्टिक फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क से इंटरनेट कनेक्शन मिलता है, जिससे इन राज्यों में इंटरनेट की गति प्रभावित हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पिछले 15 वर्षों में शुरू किए गए अन्य सीमा-पार प्रोजेक्ट्स की भी समीक्षा कर सकती है।
इस बीच, अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में हाल ही में हुए अशांति और इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
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