Smartphone-Laptop Hacking : गूगल पर “Are Bengal Cats legal in Australia” सर्च करने से आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस शब्द को सर्च करने के बाद जो लिंक सबसे ऊपर आएगा, उस पर क्लिक करने से हैकर्स आपकी निजी जानकारी और बैंक डिटेल्स चुरा सकते हैं। इसके अलावा, वे एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके आपके डिवाइस को लॉक भी कर सकते हैं।
हैकर्स हमेशा किसी न किसी तरीके से लोगों की पर्सनल जानकारी चुराने के नए तरीके ढूंढ़ ही लेते हैं। डिजिटल युग ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन साथ ही पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखना भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। कई बार हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिनका बाद में हमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
6 शब्द सर्च करते ही हो सकता है नुकसान
हाल ही में एक साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने गूगल सर्च के बारे में चेतावनी दी है। SOPHOS ने यूजर्स को बताया कि कुछ शब्द ऐसे हैं जिन्हें गूगल सर्च में टाइप करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी खतरे में पड़ सकती है। साइबर फर्म ने इन शब्दों से बचने की सलाह दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, यदि आप गूगल पर “Are Bengal Cats legal in Australia” सर्च करते हैं और टॉप लिंक पर क्लिक करते हैं, तो आपकी पर्सनल जानकारी ऑनलाइन लीक हो सकती है। साइबर एजेंसी ने बताया कि हैकर्स विशेष रूप से उन यूजर्स को टार्गेट करते हैं, जिनके सर्च में ‘ऑस्ट्रेलिया’ शब्द शामिल होता है।
यह है सफलता पाने का तरीका
SOPHOS के अनुसार, जब यूजर्स गूगल सर्च रिजल्ट में टॉप लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उनकी पर्सनल और बैंक डिटेल्स Gootloader नामक मैलवेयर द्वारा चुराई जाती हैं। यह सॉफ्टवेयर आपके डिवाइस को भी लॉक कर सकता है। हैकर्स यूजर्स को धोखाधड़ी वाले लिंक पर क्लिक करने के लिए लगातार नई-नई तिकड़मों का इस्तेमाल करते हैं।
SEO पॉइजनिंग: एक बड़ा साइबर खतरा
साइबर सिक्योरिटी कंपनी के अनुसार, “बंगाल कैट्स” जैसे शब्द धोखाधड़ी के शिकार को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ऐसे शब्दों को सर्च करने से बचना चाहिए, क्योंकि साइबर अपराधी SEO पॉइजनिंग रणनीति का उपयोग करके लोगों को फंसा सकते हैं।
अपनी सुरक्षा पहले रखें
हैकर्स की नई तरकीबों के चलते लोग अक्सर छोटी-सी गलती करके अपनी जमा-पूंजी गंवा बैठते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा की चुनौती बढ़ जाती है। SOPHOS ने सलाह दी है कि यूजर्स को हमेशा टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन रखना चाहिए और विभिन्न प्लेटफार्मों पर एक ही पासवर्ड का उपयोग करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, अपनी सुरक्षा को मजबूत रखने के लिए नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।
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